बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-2 - भूगोल - मानव भूगोल बीए सेमेस्टर-2 - भूगोल - मानव भूगोलसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-2 - भूगोल - मानव भूगोल
अध्याय - 13
विश्व की जनजातियाँ
(World's Tribes)
'प्रजाति' एक जैविक विचार है यद्यपि 'प्रजाति' शब्द के बारे में वैज्ञानिक एक मतनहीं है। कुछ विद्वान समान गुण या गुण समूह वाले लोगों को प्रजाति कहते हैं जबकि कुछ लोग भाषा व कई पीढ़ियों से एक ही स्थान पर रहने वाले मानव समूह को प्रजाति के रूप में परिभाषित करतें हैं। कुछ विद्वान प्रजाति को वर्ण से भी जोड़कर देखते हैं। वस्तुतः प्रजाति मानव जाति का एक प्रमुख भाग हैं जो इस नस्ल की शारीरिक विशेषताओं से चिन्हित है। क्रोबर का मत है कि प्रजाति एक प्रमाणित जैविक संकल्पना हैं। यह एक समूह हैं जो वंशानुक्रम, वंश या प्रजातीय गुण अथवा उप समूह के द्वारा जुड़ा हैं। परन्तु यह सामाजिक, सांस्कृतिक अवधारणा नहीं है। हाब्ल की मान्यता है कि मान प्रजाति का वर्गीकरण मानव शरीर की आकृति एवं शारीरिक लक्षणों के आधार पर किया जाता है जबकि हैडेन की मान्यता है कि प्रजाति किसी वर्ग विशेष को प्रदर्शित करती हैं जिसकी सामान्य विशेषतायें आपस में समरूपता प्रदर्शित करती हैं। यह एक जैविक नस्ल हैं जिसके प्राकृतिक लक्षणों का योग दूसरी प्रजाति के प्राकृतिक लक्षणों के योग से भिन्न होता है। प्रजाति के बारे में विद्वानों में मतभेद होने के बावजूद हम कह सकते हैं कि प्रजाति एक मानव वर्ग हैं जिससे सभी मनुष्यों की शारीरिक रचना के वाह्य लक्षण आदि एक जैसे हो। शारीरिक लक्षणों की ये समानतायें पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। जिन्हें जीनस कहते हैं। जीनस के कारण ही मानव की शरीर रचना और मस्तिष्क बनते हैं। मानव शास्त्रियों ने प्रजातियों का वर्गीकरण शारीरिक नाप, मानवभित्ति, जीवभित्ति, शारीरिक भित्ति तथा कपाल मिति आदि के आधार पर मानव की शारिरिक बनावट के विशिष्ट लक्षणों के आधार पर किया है। वास्तव में जिन शारीरिक लक्षणों के आधार प्रजातियों को वर्गीकृत किया जाता है वे मुख्यतः बाह्य व आन्तरिक लक्षण ही होते हैं।
विश्व की प्रमुख जनजातियाँ
विश्व की प्रमुख जनजातियाँ निम्नलिखित हैं -
एस्किमो - एस्किमो कनाडा के उत्तरी तट पर बेकिन द्वीप के चारों ओर हुडसन की खाड़ी, ग्रीनलैण्ड में तथा सुदूर उत्तरी-पूर्वी एशिया के सागरतटीय क्षेत्रों तथा द्वीपों में रहते हैं। यह सभी क्षेत्र 65° उत्तरी अक्षांश से 70° उत्तरी अक्षांश के मध्य स्थित है। इस विस्तृत टुण्ड्रा प्रदेश में निवास करने वाले लोगों को भिन्न- भिनन नामों से जाना जाता है।
मसाई - मसाई जाति समूह में रहते हैं। परिवार के पास एक झोपड़ी होती है। एक. समूह में 40 से 60 झोपड़ियाँ होती है। इनकी झोपड़ी लम्बी घास, बांस आदि से एक फीट मोटी छत बनाते हैं जिसमें गोबर और मिट्टी का लेप चढ़ा देते हैं। हवा और प्रकाश के लिए छिद्र बना देते हैं।
किरगीज - किरगीज लोग झुंण्ड बनाकर रहते हैं। पिता का पूरे परिवार तथा पशुओं पर अधिकार होता है। एक जाति का निर्माण कई परिवार मिलकर करते हैं। शादी विवाह एक झुण्ड के लोग दूसरे झुण्ड से कर सकते हैं।
बुशमैन - दक्षिणी अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में बुशमैन आखेटक जनजाति रहती है। बुशमैन का निवासक्षेत्र बोत्सवाना और दक्षिणी-पश्चिमी अफ्रीका में लगभग 360 हजार वर्ग किमी क्षेत्रफल में विस्तृत है। बुशमैन के विभिन्न समूह ओकाबांगों नदी और गामी झील से लेकर लिम्पोपो तथा नोसोब नदियों तक के बीच भ्रमण करते रहते हैं। यह एक विशाल पठारी भाग है जिसकी ऊँचाई समुद्र तल से लगभग 2000 मीटर है
महत्वपूर्ण तथ्य
प्रजाति एक जैविक विचार है।
प्रजाति मानवजाति का एक प्रमुख भाग है जो इस नस्ल की शारीरिक विशेषताओं से चिन्हित
मानव प्रजाति का वर्गीकरण मानव शरीर की आकृति एवं शारीरिक लक्षणों के आधार पर किया जाता है।
हाब्ल के अनुसार प्रजाति विशिष्ट जनांकिकीय रचना के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले शारीरिक लक्षणों का एक विशिष्ट संयोग करने वाली अन्तर्संबंधित मनुष्यों का एक बड़ा समूह है।
हैडेन के अनुसार प्रजाति किसी वर्ग विशेष को प्रदर्शित करती है जिसकी सामान्य विशषतायें आपस में समरूपता प्रदर्शित करती है।
प्रजाति एक जैविक नस्ल है जिसके प्राकृतिक लक्षणों का योग दूसरी प्रजाति के प्राकृतिक लक्षणों के योग से भिन्न होता है।
प्रजातियों का वर्गीकरण शरीर के बाह्य व आन्तरिक लक्षणों के आधार पर किया जाता T टैपनार्ड ने मानव शरीर के कद को निम्न प्रकार से बांटा है-
(i) लम्बा कद 170 से०मीटर
(ii) औसत कद 165 सेंटीमीटर
(iii) मध्यम या मझला कद 160 से 165 सेंटीमीटर
(iv) छोटा या नाटा कद 160 सेमी0 से कम।
कपाल मानव शरीर में सबसे अधिक स्थायी रहने वाला लक्षण है।
सिर की लम्बाई तथा चौड़ाई के अनुपात को कपाल सूचकांक कहा जाता है।
कपाल सूचकांक = सिर की चौड़ाई / सिर की लम्बाईx100 के बराबर होता है।
कपाल सूचकांक के आधार पर मानव सिर को तीन भागों—
(1) लम्बा सिर
(2) मध्यम या मझला सिर
(3) बड़ा या चौड़ा सिर में बांटा गया है।
नासिका सूचकांक के आधार पर भी प्रजातियों का वर्गीकरण किया जाता है।
नासिका सूचकांको को निम्न सूत्र से निकाल सकते हैं— नासिका सूचकांक = नाक की चौड़ाई / नाक की लम्बाई x 100
आंख की गोलक छिद्र की लम्बाई तथा चौड़ाई के अनुपात को नेत्र कोटर सूचकांक कहा जाता है।
लैंस स्टीनर ने मानव रक्त को पहली बार अंग्रेजी के अक्षरों के नाम पर क्रमशः AB AB तथा O के नाम से पुकारा।
पूर्वी साइबेरिया एवं उत्तरी अलस्का, उत्तरी कनाडा, लेब्रोडोर एवं ग्रीनलैण्ड के निवासी - एस्कीमो कहलाते हैं। ग्रीनलैण्ड के दक्षिण और पश्चिम छोर पर 45000 वर्ग किलोमीटर
का पतला संकरा क्षेत्र जो टुण्ड्रा की निम्न भूमि पर एस्कीमो द्वारा बसाया गया है।
एस्कीमो का रंग भूरा होता है। कद 5'2" से 5'4" तक काले बाल, गोल गाल, चिपटी नाक, चौड़ा मुँह, काली आँखे व सफेद एवं मजबूत दाँत इनकी मुख्य शारीरिक विशेषताएं हैं
। बुशमैन को कालाहारी मरुस्थल का शिकारी एवं निवासी कहते हैं। जिनकी उत्पत्ति आनालैण्ड बेच से हुई है।
गर्मियों में बुशमैन को पानी के संकट से बचाकर प्यास बुझाता है।
दीमक इनका प्रिय भोजन है। जिसे बुशमैन चावल कहते हैं।
किरगीज जाति की उत्पत्ति मंगोल जाति से हुई है। इनका जीवन पशुचारण पर ही निर्भर है।
यह किरगीज पठार, यांसा तुर्किस्तान तथा फरगाना पर्वत श्रेणियों तथा उत्तर की ओर साइबेरिया, रूसी, तुर्किस्तान तथा दक्षिण में स्मियाँग व तिब्बत का उच्च पठार स्थित हैं।
किरगीज लोग कद में छोटे तथा सुगठित शरीर वाले होते हैं। इनके शरीर का रंग पीला तथा सिर के बाल काले होते हैं।
मसाई-सवाना प्रदेश की घास के मैदान आदि के निवासी है। ये पूर्वी अफ्रीका, पूर्वी युगाण्डा, कीनिया, टगानयिक पठारी क्षेत्रों में पशु चराते हुए घूमते हैं।
मसाई लोग 'ष्ण कटिबन्धीय निम्न विषुवत रेखीय प्रदेशों में रहते हैं। इस भाग में कई झीले एवं ज्वालामुखी पर्वत भी है।
यहाँ का तापमान 60° फा. से 72° फा. तक रहता है।
बुशमैनों का मुख्य व्यवसाय शिकार करना होता है अतः शिकार से ही यह भोजन वस्त्र आदि प्रात करते हैं।
बुशमैन संसार की सबसे पिछड़ी हुई आदिम जाति है।
इनकी सामाजिक व्यवस्था में किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया है।
भाषा के आधार पर बुशमैन समुदायों में विभाजित है जैसे को रोका, बरगडमा, कुंग, नुसान, नामिब, कोरानों तथ ग्लाज इनके समुदाय है।
पिगमी मध्य अफ्रीका के कागोवेसिन पर निवास करती है। यह 30° उत्तरी आक्षांश 30° दक्षिणी आक्षांश तक है।
पिगमी जनजाति विषुवत रेखीय जलवायु में रहते हैं। जहाँ सूर्य सदैव लम्बवत चमकता हैं। सूर्य का अधिकतम झुकाव 67° होता है।
पिगमी जनजाति के लोग कृषि करना नहीं जानते हैं। इनके जीवन निर्वाह के लिए सबसे बड़ा सहारा शिकार करना तथा वनों से कन्दमूल फल-फूल एकत्र करना है।
पिगमी लोगों की सामाजिक व्यवस्था का अभी विकास नहीं हो पाया है। ये नृत्यकला प्रेमी होते हैं।
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- अध्याय - 1 मानव भूगोल : अर्थ, प्रकृति एवं क्षेत्र
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- अध्याय - 2 पुराणों के विशेष सन्दर्भ में भौगोलिक समझ का विकास
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- अध्याय - 3 मानव वातावरण सम्बन्ध
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- अध्याय - 8 गृहों के प्रकार
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- अध्याय - 10 सांस्कृतिक प्रदेश एवं प्रसार
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- अध्याय - 11 प्रजाति
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- अध्याय - 14 भारत की जनजातियाँ
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